दिल से आराधना करूं मैं
इस ज़ुबां से नाम तेरा ही लूँ मैं
पुरे दिल से आराधना करूं मैं
इस ज़ुबां से नाम तेरा ही लूँ मैं
करता हूँ तेरा शुक्रिया मैं प्रभु
करता हूँ तेरा शुक्रिया मैं (2)
तेरे फ़ज़ल में, तेरी दया में
लिपटा मैं रहता हूं (2)
मैं रहता हूं (2)
Verse 1
जब होता हूं, बेचैन कभी
तेरी रूह तब मुझको थामती है
मेरी मुश्किल में हर एक दर्द और गम में
खुदवंद तू ही मेरा शाफ़ी है (2)
करता हूँ तेरा…
Verse 2
जब लेता हूँ, मैं नाम तेरा,
तेरी समर्थ को तब मैं देखता हूं ,
तुझसे मिली, हर बरकत मुझे,
महफूज़ तेरे, संग मैं रहता हूँ (2)
करता हूँ तेरा शुक्रिया मैं प्रभु
करता हूँ तेरा शुक्रिया मैं (2)
तेरे फ़ज़ल में, तेरी दया में
लिपटा मैं रहता हूं (2)
मैं रहता हूं (2)
दिल से आराधना करूं मैं
इस ज़ुबां से नाम तेरा ही लूँ मैं
पुरे दिल से आराधना करूं मैं
इस ज़ुबां से नाम तेरा ही लूँ मैं
करता हूँ तेरा शुक्रिया मैं प्रभु
करता हूँ तेरा शुक्रिया मैं (2)
तेरे फ़ज़ल में, तेरी दया में
लिपटा मैं रहता हूं (2)
मैं रहता हूं (2)